Anubhooti - A Navodayan Bonding

    




Anubhooti A Navodayan Bonding
 
 
 
DESCRIPTION

     आंतरिक स्फुरण के द्वार जब खुलते हैं , तब मनुष्य की समझ सीमित - सी अधूरी जानकारियों पर आधारित नहीं रहती । काव्य भी उन्ही में से एक विधा है जो नये आयाम आप के लिए खोलती है । मनुष्य के भीतर नई खिड़कियाँ  खुल जाती हैं जो उसे हर विषय और व्यक्तियों के बारे में बोध करा डालती हैं । यह आत्म उत्कर्ष का वह स्तर होता है जहाँ बाहर के अस्त-व्यस्त अनगढ़ दुनिया के पीछे का सम्पूर्ण  साम्राज्य व्यवस्थित दिखने लगता है । ऐसी ही एक पुस्तक को "अनुभूति " के रूप में संजोया है कुछ नवोदयन मित्रों ने  । उम्मीद है यह पुस्तक आपके भीतरी साम्राज्य को भी अद्भुत एवम आनंद का सागर बनाने में सक्षम रहेगी !!


      आप जब आम से ख़ास होने की कल्पना करते हैं , तब सच्चे विचार और अच्छे भाव की आवश्यकता होती है .. और जब इन विचारों को शब्दों में उकेरने का सार्थक व सटीक प्रयास करने में सफल हो जाते हैं तब जो कुछ उभर कर सामने आता है वही  आपको आम से ख़ास होने की  'अनुभूति"  कराती है ।


      इन्हीं भावनाओं  को तस्दीक करती ये पुस्तक उन सभी आम व सामान्य लोगों को समर्पित है जिनके अंदर ख़ास होने की प्रतिभा छिपी होती है । जो अपने आत्मविश्वास से चाहें  तो अवश्य ही ख़ास बन सकते हैं ।।



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