Gopi | Class 7 | Hindi | C14

            पाठ  14

गोपी

संकलित

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                शब्दार्थ

सक्षम = समर्थ
सलीकेदार = तरीके का, कायदे का
तल्लीनता = एकाग्रता, मगन होना
उनींदे = नींद भरा
आवेग = जोश
कालांश = कालखण्ड
निर्बाध = बिना रुके, लगातार
जर्जर = कमजोर
निर्मम = कठोर

 

1•(क) सही जोड़ी बनाइए-
1 निमंत्रण              संस्था
2 गुलाबी               पलकें
3 शिक्षण               पत्र
4 भीगी                  लिफाफा
उत्तर-1पत्र
        2 लिफाफा
        3 संस्था
        4 पलकें

(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1 बीस वर्ष से वह बारहवीं कक्षाएँ पढ़ा रही थी।(ग्यारहवीं/बारहवीं)
2 पिता, गाँवों में चिनाई का काम करते थे।(चिनाई/पुताई)
3 गोपी तो जैसे प्यार का विशाल खजाना पा गया था।(अनमोल/विशाल)
4 पिछले पाँच वर्षों से वे क्षय रोग से पीड़ित थे।(कैंसर/क्षय)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न-

2• निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए-
(क) गोपी कक्षा में कहाँ बैठता था?
उत्तर-गोपी कक्षा में सबसे पीछे कोने वाली सीट पर बैठता था।

(ख) शिल्पा से गोपी का कौन-सा रिश्ता था?
उत्तर- गोपी शिल्पा को अपनी बड़ी बहन की तरह मानता था।

(ग) कक्षा के अन्य छात्रों ने गोपी की मदद किस प्रकार की?
उत्तर- कक्षा के छात्रों ने गोपी की आर्थिक मदद के साथ उसे प्यार और सांत्वना प्रदान की।

(घ) गोपी की माँ क्या काम करती थी?
उत्तर- गोपी की माँ सड़क पर पत्थर तोड़ती थी।

लघु उत्तरीय प्रश्न

3• निम्नलिखित प्रश्नों के तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए-
(क) गोपी स्कूल देर से क्यों आता था?
उत्तर- गोपी स्कूल देर से इसलिए आता था क्योंकि सुबह सात बजे से लेकर एक बजे तक वह मजदूरी करता रहता।एक साहब के बगीचे में पानी देता और दस घरों में दूध की थैलियां और बाजार का सामान लाकर देता।

(ख) शिल्पा गोपी को देखकर क्यों चिढ़ जाती थी?
उत्तर- गोपी रबर के टायर वाली चप्पल पहनता। स्कूल पोशाक की सफेद कमीज बिना ठीक धुली, बिना प्रेस लगे एकदम पीली और चमड़े जैसी गुड़ीमुड़ी रहती थी। नाखून गंदे होते थे।उसके नहाने पर भी संदेह होता था इसलिए शिल्पा उससे चिढ़ जाती थी।

(ग) 'जिंदगी कितनी कठोर और निर्मम होती है।' इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- जब गोपी ने अपनी समस्त समस्याएँ जैसे पिता का गुजरना, मेहनत- मजदूरी करना, सुबह से एक बजे तक छोटा- मोटा काम करना आदि शिल्पा को बताई, यह सब सुनकर शिल्पा का मन हाहाकार से भर उठा था। वाकई जिंदगी कितनी कठोर और निर्मम होती है।

(घ) गोपी ने अपनी मंजिल किस प्रकार पाई?
उत्तर- भाग्य की बात है कि गोपी के पिता की तेरहवीं वाले दिन स्कूल में कुछ समारोह था। आधे दिन का अवकाश था। पता लगा कि पूरी कक्षा गोपी के घर पहुँच गई। हाथों-हाथ सारा सामान दिला दिया।खाना-पीना ,पूजा-हवन सभी कराकर और शेष रुपए गोपी की माँ को देकर बालक लौटे।

(ङ)  शिल्पा को कठोर और ममतामयी क्यों कहा गया है? 
उत्तर- शिल्पा कठोर इसलिए थी क्योंकि कक्षा में प्रत्येक क्षेत्र जैसे- शिक्षा, कपड़े आदि में अनुशासनप्रिय थी परंतु जब उसने गोपी की निर्धनता और व्यथा सुनी तो दयाभाव तथा ममताभरी होकर गोपी का पूरा साथ दिया।

4• निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए-
सेष, निरमम, कांलाश, निमंतरण, संघर्शों
उत्तर-शब्द                    शुद्ध वर्तनी
       सेष                       शेष
       निरमम                  निर्मम
       कांलाश                 कालांश
      निमंतरण                 निमंत्रण
      संघर्शों                     संघर्षों




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