Neeti Dashak | Class 7 | Hindi | C16

              पाठ  16

नीति दशक

- संकलित


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                शब्दार्थ

अमोल= अमूल्य
गाहक= ग्राहक, ग्रहण करने वाला
निन्दक= निन्दा करने वाला
निर्मल= मल रहित, मैल रहित, स्वच्छ
वित्त= धन, पूँजी
मित्र =मित्र
अम्बुज= कमल
अम्बु=पानी
रवि= सूर्य
रिपु= शत्रु, दुश्मन
ऊख= गन्ना
ससि= चन्द्रमा
सुकेस= बाल
सलिल= पानी, जल
ठौर= स्थान
सर्वलोक =सभी लोग, सारा संसार

 1 बोली एक----------------बाहर आनि।।

सन्दर्भ- प्रस्तुत दोहे की पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ' सुगम भारती ' (हिन्दी सामान्य) भाग-7 के पाठ 16 'नीति दशक ' से ली गई है इसके रचयिता कबीर है।
प्रसंग - इसमें व्यक्ति की बोली के महत्व के बारे में बताया गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में कबीर ने कहा है कि बोली अमूल्य होती है। मुँह से निकला प्रत्येक बोल वही जानता है जो वह बोलता है।हमें सोच- समझकर और तौल कर कुछ बोलना चाहिए।

2 जब गुण कूँ --------------- बदलै जाइ।।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमें गुण के महत्त्व को दर्शाया गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में संत कबीर ने गुण अथवा लक्षण के महत्त्व को दर्शाते हुए कहा है कि जब किसी गुण को लोगों द्वारा स्वीकार किया जाता है तो उसको सहर्ष कोई नहीं मिलता तब वह दो कौड़ी का हो जाता है।

3 निन्दक ----------------- आनहिं आन।।
सन्दर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमें निन्दक के लिए भी मन साफ रखने के लिए कहा गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में संत कबीर ने लोगों से कहा है कि निंदा करने वाले लोगों से नफरत नहीं करनी चाहिए बल्कि उनका भी सम्मान करना चाहिए।सभी को अपना मन साफ रखना चाहिए , किसी के प्रति बैर - भाव नहीं रखना चाहिए।

1 आप न काहू ----------------- बबूल।।
संदर्भ - प्रस्तुत दोहे की पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती7के पाठ1 6  नीति दशक 'से ली गई है।इसके रचयिता 
' रहीम ' है।
प्रसंग - इसमें उन लोगों के विषय में कहा गया है जो कपटी हैं।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में रहीम ने उन लोगों के विषय में कहा है जो स्वयं कपटी और स्वार्थी हैं तथा सारे दिन पाप के कार्य करते हैं फिर भी दूसरों को गलत काम करने से रोकते हैं।

2 समय लाभ---------------- की हूक।।
संदर्भ -पूर्ववत।
प्रसंग- इसमे चतुर वयक्तित्व के बारे में कहा गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में रहीम ने कहा है कि जब व्यक्ति को लाभ का समय मिले या ईश्वर अवसर प्रदान करे तो उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। एक बार समय निकलने पर अवसर भी हाथ से चला जाता है। एक चतुर और समझदार व्यक्ति अवसर को अपने हाथ में नहीं जाने देता।

3 जब लगि ----------------- रिपु होय।।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमे स्वार्थ के बारे में कहा गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में बताया गया है कि जब तक हमारे पास पैसा होता है तब तक हमारे पास मित्र होते हैं और उसके नहीं रहने पर मित्र भी चले जाते हैं।इसी तरह बिना पानी के सूर्य भी कमल का दुश्मन बन जाता है।

4 रहिमन खोजे ------------हानि।।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमें प्रेम के मध्य टीस को उजागर किया गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में रहीम ने गन्ने का उदाहरण लिया है कि जिस प्रकार गन्ने में रस भरा होता है और इससे आनंद भी मिलता है परंतु हमें उसकी गाँठों को नहीं भूलना चाहिए जिसमें रस नहीं होता उसी प्रकार अधिक प्रेम में भी गाँठ आ सकती है।

5  ससि सुकेस ---------------- घटि सीम ।।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमें चंद्रमा, केस आदि के बढ़ने और घटने पर विचार किया गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में रहीम ने कहा है कि चंद्रमा, बाल, साहस, पानी ,माम् और प्रेम आदि जितनी तेजी से बढ़ते हैं उतनी तेजी से ही कम होते चले जाते है अर्थात जीवन में कुछ भी स्थिर नहीं है, सबकी नियती और चाल में अंतर आना स्वाभाविक है।

1 जहाँ सजन -------------- तहँ भौंर।।
 संदर्भ - इस दोहे के रचयिता महाकवि वृंद हैं।
प्रसंग - इसमे प्रेम की सार्थकता के बारे में बताया गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में महाकवि वृंद प्रेम की सार्थकता को प्रकट करते हुए कहते हैं कि सच्चे प्रेम का सुख तभी प्राप्त होता है जब प्रेमी भी प्रेम में डूबा हो।जहाँ फूलों का वास होगा, वहीं मोर भी घूमेगा।अतः प्रेम अतुल्नीय है।

2  सुनिए ---------------- उपचार।।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - सब लोगों के सुनने पर बल दिया गया है।
व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में कवि वृंद ने व्यक्ति विशेष से कहा है कि हमें कुछ भी निर्णय लेने से पहले सबकी राय सुननी चाहिए, त तत्पश्चात विचार करना चाहिए।अंतत, ऐसी निर्णय लेना चाहिए, तत्पश्चात ,विचार करना चाहिए निर्णय लेना चाहिए।जिसमें जिससे सभी संबंधित लोग एकमत हो।अर्थात हमें कोई भी कार्य जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए।

1• (क) सही जोड़ी बनाइए-

1. डार-पात
-लाख बिकाइ
2. जहाँ पुष्प 
-सम लाभ
3. जहाँ सजन
-फल, फूल
4. गुण कूँ गाहक
-तहँ प्रीति
5. समय लाभ
-तहँ वास


उत्तर - 
1. डार-पात
-फल, फूल
2. जहाँ पुष्प 
-तहँ वास
3. जहाँ सजन
- तहँ प्रीति
4. गुण कूँ गाहक
-लाख बिकाइ
5. समय लाभ
-सम लाभ 


(ख) दिए गए शब्दों में से उचित शब्द का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए- 
1. कबीर ने निंदक को दूर न करने की सलाह दी है।
(प्रशंसक/निंदक)
2. जब तक वित्त नहीं होता तब तक मित्र नहीं बनते।
(वित्त/चित्त)
3. रहिमन अंबुज अंबु बिन, रवि ताकर रिपु होय।
(अंबुद/अंबुज)
4. विचार पूर्वक कार्य करने से सर्वलोक राजी रहते हैं
(निजलोक/सर्वलोक)


अति लघु उत्तरीय प्रश्न-

2• निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए -
(क) कवि ने अमोल किसे कहा है?
उत्तर- कवि ने अमोल बोली को कहा है।

(ख) कबीर के अनुसार तन - मन को निर्मल कौन करता है?
उत्तर - सबका मान करने से तन - मन निर्मल हो जाता है।

(ग) वृंद कवि के अनुसार प्रेम का वास कहाँ होता है?
उत्तर - वृंद कवि के अनुसार प्रेम का वास ह्रदय में होता है।

(घ) रहिम कवि के अनुसार ऊख और प्रेम में गाँठ पड़ जाने से क्या होता है?
उत्तर - कवि के अनुसार ऊख में गाँठ पड़ने से रस में कमी आती है जबकि प्रेम में गाँठ पड़ने से रस में कमी आती है जबकि प्रेम में गाँठ पड़ने पर प्रीति में कमी आती है।

(ङ) वृंद कवि ने सब लोगों को प्रसन्न रखने के लिए कौन -सा उपचार करने के लिए कहा है? 
उत्तर - कवि के अनुसार कुछ भी निर्णय लेने से पहले सबकी सुननी चाहिए तथा स्वयं के और सबके विचारों से निष्कर्ष निकलना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

3• निम्नलिखित पश्नो के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए -
(क) कबीर ने तराजू में तौलने के लिए किसे और क्यों कहा है?
उत्तर - कबीर ने बोली को तौलने के लिए कहा है क्योंकि बोली से बने बनाए घर उजड़ भी सकते हैं और संवर भी सकते हैं इसलिए सोच समझ कर बोलना चाहिए।

(ख) कवि ने किस गुण की कीमत कौड़ी के समान बताई है?
उत्तर - कवि ने उस गुण की कीमत कौड़ी के समान बताई जिसे कोई स्वीकार नहीं करता अर्थात जिस गुण से समाज व लोगों को कोई लाभ नहीं होता वह न के बराबर होता है।

(ग) रहीम ने बबूल के पेड़ को क्यों खराब कहा है?
उत्तर- रहीम ने बबूल के पेड़ को इसलिए खराब कहा है क्योंकि उसमें कोई फल-फूल नहीं होते अर्थात जो व्यक्ति स्वयं स्वार्थी हो, यदि वह किसी को सीख दे तो वह अनर्थक लगता है।

(घ) ' ससि सुकेस 'दोहे में किन- किन को एक समान बताया है?
उत्तर- 'ससि सुकेस ' दोहे में ससि, सुकेस, साहस, सलिल, मान तथा सनेह को एक समान कहा गया है क्योंकि ये सारे बढ़ने पर बढ़ते चले जाते हैं और घटने पर घटते चले जाते हैं।

(ङ) वृंद कवि ने सज्जन और पुष्प की क्या विशेषताएँ बताई है?
उत्तर - जिस प्रकार पुष्प अपनी खुशबू और मनमोहकता से सबको सम्मोहित कर देता है उसी प्रकार एक सज्जन व्यक्ति समाज में अपनी अच्छे और निस्वार्थ कार्यों से सबको आकर्षित करता है।

प्रश्न 4 निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए- 
आमोल, मित्तर, शसि, सजजन, गांठ, जहाँ, चतूर
उत्तर- शब्द                     शुद्ध वर्तनी
        आमोल                  अमोल
        मित्तर                     मित्र
        सजजन                 सज्जन
        गांठ                      गाँठ
         जहाँ                    जहाँ
         चतूर                    चतुर

प्रश्न 5 निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए
निर्मल, पुष्प, समय, पेड़
उत्तर - शब्द                    पर्यायवाची शब्द
       निर्मल                    शुद्ध, स्वच्छ
       पुष्प                       फूल, कुसुम
       समय                      वक्त,
       पेड़                        तरु, वृक्ष



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