पाठ 18
कलाकार का मान
- संकलित

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शब्दार्थ
अनुचर = सेवक, दासरकम = राशि, रूपयेनिहाल = बहुत खुशबिफरना = गुस्से से चिल्लानायाचक = भिक्षुक, भीख मांगने वालादाता = देने वालासंगीतज्ञ = संगीत का जानकारश्रापित = श्राप से घिरा हुआजीवन्त = सजीवविवश = मजबूरप्रशंसक = प्रशंसा करने वालागजब = अंधेरश्रोता = सुनने वालाराजसी = राजा जैसानित्य = प्रतिदिनबेचैन = व्यग्र, चिंतितज्योत्सना = चाँदनीयुक्ति = उपायहार्दिक = ह्रदय सेतरकीब = उपायसहर्ष = हर्ष सहितआत्मविभोर = स्वयं में मुग्धतुच्छ = हीन, बेकार
(क) सही जोड़ी बनाइए-
उत्तर -
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
1 राजा ने अपने ........ को साधु को बुलाने भेजा।(अनुचरों/मंत्रियों)
2 वह संगीत तो .........संयोग से बन पड़ता है।(सदैव/कभी- कभी)
3 राजा का ....... शांत हो चुका था।(क्रोध/न्याय)
4 साधु की ......... पर पहुँचते- पहुँचते राजा को रात हो गई।(कुटिया/झोंपड़ी)
उत्तर -
1 राजा ने अपने अनुचरों को साधु को बुलाने भेजा।(अनुचरों/मंत्रियों)
2 वह संगीत तो कभी- कभी संयोग से बन पड़ता है।(सदैव/कभी- कभी)
3 राजा का क्रोध शांत हो चुका था।(क्रोध/न्याय)
4 साधु की झोपड़ी पर पहुँचते- पहुँचते राजा को रात हो गई।(कुटिया/झोंपड़ी)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
2 . निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए-
(क) संगीतज्ञ कौन था?
उत्तर- संगीतज्ञ राजा के दरबार का का संगीतज्ञ था।
(ख) याचक और दाता किसे कहा गया है?
उत्तर - याचक राजा को तथा दाता साधु को कहा गया है।
(ग) स्वर्ग का गन्धर्व किसे बताया गया है?
उत्तर- साधु को स्वर्ग का गंधर्व बताया गया है।
(घ) संगीतज्ञ ने राजा को कहाँ बैठाया था
उत्तर- संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर चबूतरे पर बिठा दिया था।
(ङ) संगीतज्ञ ने साधु से क्या निवेदन किया?
उत्तर- संगीतज्ञ ने साधु से निवेदन किया कि महाराज, इस राग को आप ही गावें तो आपकी बड़ी कृपा हो।
लघु उत्तरीय प्रश्न
3• निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में लिखिए -
(क) राजा ने साधु के पास कौन सा संदेश भिजवाया?
उत्तर - राजा ने साधु के पास संदेश भिजवाया- "आपका सौभाग्य है महात्मा जी, जो आपकी संगीत सुनने की राजा ने इच्छा प्रकट की है।यदि आपका संगीत पसंद आ गया तो आपको मुँह-माँगी रकम मिल जाएगी। महाराज निहाल कर देंगे आपको!"
(ख) संयोग और प्रयत्न से पैदा किए गए संगीत में क्या अंतर है?
उत्तर - जिस संगीत को राजा सुनना चाहता है वह संगीत तो कभी- कभी संयोग से बन पड़ता है। प्रयत्न से पैदा किया हुआ संगीत राजा को प्रसन्न न कर सकेगा।
(ग) कलाकार की शर्त क्या थी?
उत्तर- कलाकार की शर्त थी- "न केवल पैदल ही, बल्कि इन राजसी वस्त्रों को उतार कर भी यदि आपने राजा बनकर संगीत सुना तो वह संगीत विशेष संगीत बन पाएगा। वह संगीत तो फिर वही संगीत रह जाएगा जो हम नित्य आपको सुनाते हैं।"
(घ) संगीतकार की किस युक्ति से साधु ने गाना शुरू किया?
उत्तर- संगीत की युक्ति थी- संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर बने चबूतरे पर बिठा दिया और स्वयं भी उसके समीप ही बैठकर अपनी णा के तार मिलने लगा और जानकर भी गलत ढंग से राग अलापना शुरू कर दिया।
(ङ) राजा ने साधु का संगीत सुनने के पश्चात क्या प्रतिक्रिया की?
उत्तर - 'महाराज!आपके पास बिताए इन आनंददायक क्षणों की तुलना में मेरा सारा राज्य भी तुच्छ है।मेरा अहंकार गल गया है।' यों कहते ही राजा की आँखें भर आई और अनमोल मोती साधु के पैरों पर लुढ़क पड़े।