Himalaya | Class 7 | Hindi | C4

   पाठ 4 

हिमालय 

घमंडीलाल अग्रवाल



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शब्दार्थ

सदी = सौ वर्ष का समय, शताब्दी
वचन = प्रतिज्ञा, वादा
कोश = भण्डार, खजाना
मुख काला करना = अपमानित करना
पीड़ा हरना = दुःख दूर करना
परहित =  दूसरों की भलाई
मुकाबला लेना = सामना करना
जड़ी- बूटियाँ = ओषधियों के रूप में प्रयुक्त होने वाली पेड़- पौधों की जड़ें पत्तियां, फल, बीज आदि
अंबर = आसमान, आकाश
सतरंगी = सात रंगों की
आभा = चमक
उम्मीदों का घड़ा = आशाओं का भण्डार
जननी = माँ, माता
संस्कृति = जीवनशैली, पारम्परिक, आचार - विचार
शान = प्रतिष्ठा, मान
निहित = छुपी हुई, छुपा हुआ
करिश्मे = करतब, काम
लाज शर्म से गड़ा = लज्जित, शर्मिन्दा

1• कितनी सदियाँ---------- हिमालय।
संदर्भ- प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक 'सुगम भारती'(हिन्दी सामान्य)भाग-7 के पाठ 'हिमालय' से ली गई है। इसके रचयिता घमंडीलाल अग्रवाल हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में हिमालय की अविचलता तथा अडिगता को प्रकट किया गया है।
व्याख्या -अनेक सदियाँ बीत चुकी हैं किंतु हिमालय अपनी जगह विद्यमान है । हिमालय हमें रखवाली करना तो सिखाता ही है बल्कि कर्तव्यों को अडिगता से पूर्ण करना भी सिखाता है ।भारत के मस्तक पर मुकुट के समान है जो हमारी रक्षा करता है।

2• दुश्मन- ----------------हिमालय।
संदर्भ -पूर्ववत ।
प्रसंग - इसमे हिमालय को पिता की तरह दर्शाया गया है।
व्याख्या - हिमालय हमारी बुरी नजर और दुश्मनों से तो रक्षा करता ही है बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की चिंताओं को भी मिटाता है। हिमालय स्वयं से गंगा को उत्पन्न करता1है और हमारी प्यासी धरती को तृप्त करता है। अतः हिमालय हमारी पिता की तरह रक्षा करता है।

3• जड़ी-बूटियाँ-----------------हिमालय।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमें हिमालय के अतुल्नीय दृश्यों को दर्शाया गया है।
व्याख्या- हिमालय की छटाएँ तो अतुल्नीय हैं ही अपितु वहाँ पर पाई जाने वाली औषधि एवं जड़ी बूटियाँ भी विश्वस्तर की हैं। जब सूर्य की किरणें इस पर पड़ती हैं तो यह सतरंगी दिखता है। कई सदियाँ बीत चुकी हैं किंतु हिमालय ज्यों का त्यों अटल है।स्थिर है।

4• हमको रक्षा----------------- हिमालय।
संदर्भ - पूर्ववत।
प्रसंग - इसमें बताया गया है कि हमें भी हिमालय की रक्षा करनी चाहिए।
व्याख्या - हिमालय ने हमारी सदियों से रक्षा की दुश्मन कभी इसको लांघ नहीं पाए हैं।अतः हमारी मातृभूमि भी हमसे कहती है कि हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए किंतु वर्तमान कमजोर रक्षकों से हिमालय का मान घटा है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1• (क) सही जोड़ी बनाइए-
 1•  सतरंगी                 बूटी
2•  नई                        सपने
3•  उत्तर                      सदी
4• जड़ी                     दिशा
उत्तर - 1 सपने
          2 सदी
          3 दिशा
         4 बूटी
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1• रखवाली का वचन निभाए कर्तव्यों का की कथा सुनाए। (कर्तव्यों, वीरों)
2• दुश्मन का मुख काला करता, जन-जन की पीड़ा को हरता।(काला, पीला)
3• जड़ी बूटियाँ मिले यहाँ पर दृश्य यहाँ के सुंदर-सुंदर।(दृश्य, तथ्य)
4• यह पहचान संस्कृति की है, इसमे शान निहित है अपनी।(शान, जान)
5• गर्व हमें है पिता सरीखा, ले मुकाबला अड़ा हिमालय।(पिता, माता)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न -
2• निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए- 
(क) भारतमाता के मस्तक पर हिमालय किस तरह शोभित हो रहा है?
उत्तर- भारतमाता के मस्तक पर हिमालय मुकुट -सा शोभित हो रहा है।

(ख) इस कविता के आधार पर हिमालय किसका मुँह काला करता है?
उत्तर- कविता के आधार पर हिमालय दुश्मन का मुँह काला करता है।

(ग) हिमालय पर कौन-कौन सी औषधियाँ मिलती है?
उत्तर- हिमालय पर औषधियों के रूप में जड़ी - बूटियाँ मिलती है।

(घ) हमारे देश की उत्तर दिशा की रखवाली कौन करता है?
उत्तर- हमारे देश की उत्तर दिशा की रखवाली हिमालय करता है।

(ङ) हिमालय परोपकार का कौन सा कार्य कर रहा है?
उत्तर- हिमालय सैकड़ों वर्षों से भारत की रक्षा कर रहा है।

लघु उत्तरीय प्रश्र
(क) हिमालय हमारी सुरक्षा किस प्रकार करता है?
उत्तर- हिमालय हमारे दुश्मन राज्यों को आने से रोकता है। दुश्मनों ने सैकड़ों वर्षों में कई चेष्टाएँ की परंतु हिमालय ने उन्हें हर बार चुनौती दी। दूसरी और उत्तर से आने वाली बर्फ़ीली हवाओं को भारत में आने से रोकता है।

(ख) हिमालय को उम्मीदों का घड़ा क्यों कहा गया है?
उत्तर- हिमालय को उम्मीदों का घड़ा इसलिए कहा गया है क्योंकि वह स्वयं में कई रहस्यों को समेटे है। इसमें अतुल्नीय दृश्य तो है ही साथ ही यह हमारे लिए जीवनदाता के रूप में है।

(ग) हिमालय के प्रति हमारे क्या कर्तव्य हैं?
उत्तर- बेशक हिमालय हमारी रक्षा करता है किंतु हमें भी चाहिए कि इसकी तन- मन से सेवा करे।इसके उस पार जो दुश्मन हैं, उनसे इसकी रक्षा करें ताकि इसके सौंदर्य और संस्कृति को कायम रख सकें।

(घ) हिमालय को पिता के समान क्यों कहा गया है?
उत्तर- जिस तरह पिता अपने बच्चों के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं तथा उनके पालन- पोषण में कोई कसर नहीं छोड़ते, उसी प्रकार हिमालय भी हमारे पिता तुल्य है जो अपने करोङो बच्चों की पानी एवं संपदा प्रदान करता है।

(ङ) नई सदी के कौन से करिश्मे देखकर हिमालय को शर्म आ रही है?
उत्तर- आधुनिक समय में हम अपने सबसे बड़े रक्षक हिमालय का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं। दुश्मन इसकी छवि को लगातार आघात पहुँचा रहे हैं। हम धीरे-धीरे हिमालय का एहसास भूलते जा रहे हैं। इसलिए हिमालय को शर्म आ रही है।


भाषा की बात
 निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए-
दृष्य, अडीग, मुकट, हिमालय, निहीत, सदीयां, पिडा, हीत, बचन।
उत्तर- शुद्ध वर्तनी= दृश्य, अडिग, मुकुट, हिमालय, निहित, सदियाँ, पीड़ा, हित, वचन।

4• 'अ' उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए -
जैसे :डिग           =    अडिग
(क)  मिट             =      अमिट
(ख) टल               =      अटल
(ग) सीम               =      असीम
(घ) लिखित           =      अलिखित

5• निम्नलिखित शब्दों के तत्सम शब्द लिखिए-
सपना, सदी, लाज, काला, पिता ।
उत्तर- शब्द          =  तत्सम
         सपना       =  स्वपन
         सदी         =  शताब्दी
        लाज         =  शर्म
       काला        =   श्याम
          पिता      =   पितृ

6• कोष्ठक में दिए गए शब्दों में निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द छांटकर लिखए-
(भागीरथी, गिरि, आकाश, शीश, नम, पहाड़, माथा, जाहन्वी)
उत्तर- (क)  गंगा     -   भागीरथी, जाहन्वी
        (ख) पर्वत     -   गिरी, पहाड़
        (ग)  अंबर     -  आकाश, नभ
       ( घ)  मस्तक   -  माथा, शशि










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