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   पाठ  5

दाँत हैं तो जहान है

श्रीनिवास वत्स 



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शब्दार्थ

पंचभूत शरीर = पृथ्वी, जल, आकाश, हवा व अग्नि से बना शरीर
निष्पन्न = किया गया 
विशिष्ट= खास
तालिका = सूची
एवमेव =इसी तरह
निरर्थक = बेकार
रुदन मुख = रोता हुआ मुहँ
दीर्घ दन्त = बड़े दाँत
स्वतः = अपने आप
दरिया = बड़ी नदी
दन्त विहीन = बिना दाँत के
प्रतिद्वन्दी = विरोधी, प्रतिस्पर्धी
सर्वोपरि = सबसे ऊपर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1• (क) सही जोड़ियाँ बनाइए-
  1 पंचभूत                दन्त
  2 गंजा                    लहर
  3 शीत                    शरीर
  4 दीर्घ                     आदमी
उत्तर- 1 शरीर
         2 आदमी
         3 लहर
         4 दन्त

(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए- 
★ परमात्मा ने शरीर में कुछ चीजें मात्र सजावट के लिए लगा रखी हैं।(बनावट/सजावट)
★ गंजे आदमी की कार्य क्षमता किसी बालों वाले से कम नहीं होती।(कम/अधिक)
★ मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्व नहीं दिया जा सकता।(निरीक्षण/सर्वेक्षण)
★ मैंने छल -फरेब से भरी दुनिया देख ली।(भरी/खाली)


अति लघु उत्तरीय प्रश्न -

2 निम्नलिखित पश्नो के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए-
(क) लेखक ने मनुष्य के अतिरिक्त किन-किन प्राणियों के दाँतों का उल्लेख किया है?
उत्तर- लेखक ने मनुष्य के अतिरिक्त साँप और कुत्ते के दाँतों का उल्लेख किया है।
(ख) किसी से कुछ माँगने से पहले दाँत दिखाना क्यों आवश्यक है?
उत्तर- किसी से कोई चीज माँगनी होती है तो पहले दाँत खिसकाकर हल्का मुस्कुराना पड़ता है।
(ग) शीत लहर में लोग अपना गुस्सा कैसे झाड़ते हैं?
उत्तर- शीत लहर में लोग दाँत किटकिटाकर ठंड पर अपना गुस्सा झाड़ते हैं।
(घ) किस बात से पता चलता है कि लोग अपने दाँतों को सोने-चाँदी से अधिक महत्व देते हैं?
उत्तर- लोग दाँतों में सोने-चाँदी के तार जुड़वाते हैं

लघु उत्तरीय प्रश्र

3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए-

(क) लेखक लम्बे दाँत वाले आदमी को अधिक आदर क्यों देता है?
उत्तर- लेखक लम्बे दाँत वाले आदमी को इसलिए अधिक आदर देता है क्योंकि लंबे दाँत होने से उस आदमी के गुस्सा होने या खुश होने का अंदाजा नहीं लगा सकते।उनके लिए  " जाकी रही भावना जैसी" वाली बात यहाँ पूर्णरूपेण चरियार्थ हो जाती है।

(ख) लेखक ने आकार के अनुसार दाँतों के कितने प्रकार बताया है?
उत्तर- लेखक ने आकार के अनुसार दाँतों के दो प्रकार है।
पहले वे जो मुँह की परिसीमा में समाए रहते हैं तथा यदा-कदा ही ओठों से बाहर निकलते हैं।दूसरे वे दीर्घदंत है जिनके आवास के लिए ओठ छोटे पड़ते हैं तथा उन्हें ज्यादातर समय ओठों से बाहर बिताना पड़ता है।

(ग) लेखक ने बालों को सजावट की चीज कहा है?इस कथन से आप कितने सहमत हैं?
उत्तर- लेखक ने बालों को सजावट की चीज कहा है क्योंकि इनके होने अथवा नहीं होने से कोई मानसिक तथा शारीरिक ताकत पर फर्क नहीं पड़ता है।अतः लेखक का उपयुक्त तथ्य बिल्कुल सही है।

(घ) लेखक के अनुसार आँखों का महत्व कम क्यों है?
उत्तर- लेखक ने छल - फरेबसे भरी दुनिया, शोषण, अन्याय आदि स्वयं अपनी आँखों से देखें हैं लेकिन कुछ कर नहीं सका।कोई " आँख दिखाता"भी है तो चुपचाप उसकी आँख देख लेता हूँ।समय के साथ लोग आँख फेर लेते हैं।लेखक सोचता है यदि आँख न होती तो उसे किसी की आँख क्यों देखनी पड़ती है।इसलिए लेखक के अनुसार आँखों का महत्व अधिक नहीं है।

(ङ) लेखक परमात्मा से क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर- हानि- लाभ की पूरी गणनाके बाद अब लेखक परमात्मा से प्रार्थना करता है कि हे भगवान, भले ही मेरी आँख फोड़ दे, टाँग तोड़ दे पर इस बत्तीसी को सही सलामत बनाए रखे।

भाषा की बात

4• निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए-
यध्यपि, भोंकना, कीटकीटाना, बत्तिसि, निश्पन्न ।
उत्तर- अशुद्ध वर्तनी            शुद्ध वर्तनी
         यध्यपि                    यद्यपि
         भोंकना                    भोकना
        कीटकीटाना              किटकिटाना
        बत्तिसि                     बत्तीसी
        निश्पन्न                     निष्पन्न
5• पाठ में आए इन मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
आँख फेरना, आँखें दिखाना, दाँत खिसकाना, दाँतों तले उँगली दबाना, दाँत तोड़ना।
उत्तर-आँखें फेरना= समय पर साथ छोड़ना
प्रयोग- मैंने सुधीर से पैसे क्या माँगे कि उसने तो आँखें ही फेर ली।
आँखें दिखाना=क्रोध करना
प्रयोग-हमारे अध्यापक तो आँखें दिखा कर ही हमें डरा देते हैं।
दाँत खिसकाना=मुस्कराना
प्रयोग- दोस्तों !अब दाँत भी खिसकाओ,बहुत देर हो गई।
दाँतों तले उँगली दबाना=आश्चर्यचकित  होना
प्रयोग-राजेश को अचानक तैरते हुए देख कर पिता जी ने दाँतों तले ऊँगली दबा ली।
दाँत तोड़ना=पिटाई करना
प्रयोग- और अधिक बोला तो दाँत तोड़ दूँगा।

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