समाज सेवा | Class 7 | Lesson 2

  पाठ 2 

समाज- सेवा


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शब्दार्थ

यथेष्ट  = जितना आवश्यक हो           
वृत्ति = स्वभाव
पारस्परिक = आपसी
अवहेलना = उपेक्षा,ध्यान न देना
सर्वथा = हर तरह से, बिलकुल
कुपथगामी = कुमार्ग पर चलने वाला
निंदनीय = निंदा के योग्य
अज्ञ = अज्ञानी, मूर्ख
हित = भलाई
चेष्टा = कोशिश
दुरवस्था = बुरी हालत

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1 (क) सही जोड़ी बनाइए
अ                                 ब                                उत्तर
जीवन                        अवनति                            मृत्यु
समता                         कुपथ                              विषमत
उन्नति                          मृत्यु                              अवनति
सुपथ                          विषमता                           कुपथ

(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए--
1. जिसने संपत्ति संचित कर ली वह आदर का पात्र हो जाता है।(आदर, अनादर)
2. समाज और व्यक्ति का पारस्परिक दृढ़ सम्बन्ध है। (दृढ़, लचीला)
3.  समाज सेवा अधिकांश लोगों को अधिकतम सुख पहुँचाने के लिए की जाती है।। (अधिकतम, न्यूनतम)
4. हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि पर सेवा से बढ़ कर कोई शेवा नही है। (स्व-सेवा, पर सेवा)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न -
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1-1 वाक्य में दीजिए -
(क) समाज सेवा पाठ में सेवा के कितने प्रकारों की चर्चा की गई है?
उत्तर - समाज सेवा पाठ में दीन दुखियों, अपंगों, अनाथ, यज्ञों, कुपथगामियों, गरीबों, नारियों, रोगियों आदि की सेवा करने की चर्चा की गई है।
(ख) पाठ में बुद्धि के कौन कौन से दो प्रकार बताए गए हैं?
उत्तर - पाठ में दो प्रकार की बुद्धि बताई गई है-1.स्वार्थ बुद्धि 2. परार्थ बुद्धि।
(ग) सेवा का क्या अर्थ है?
उत्तर - अपनी उन्नति के लिए एक साथ मिलकर काम करने की प्रवृत्ति से प्रेरित होकर जो दल बनाया जाता है, उसे समाज कहते हैं
(घ) समाज सुधार किन गुणों के कारण विजयी होता है?
उत्तर - समाज सुधार दया, प्रेम, स्नेह, सहानुभूति, त्याग, सेवा भाव आदि गुणों के कारण विजयी होता है।
(ड) किस प्रकार की सेवा को श्रेष्ठ माना गया है?
उत्तर - जब सेवा किसी व्यक्ति विशेष को सुख पहुंचाने की नजर से नहीं, बल्कि अधिकतम लोगों को अधिकतम सुख पहुँचाने के लिए की जाती है, श्रेष्ठ सेवा मानी जाती है

लघु उत्तरीय प्रश्र
3, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 3 से 5 वाक्यों में दीजिए-
क- मनुष्य अन्य प्राणियों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर - वैसे तो अनगिनत प्राणी है, जो अपना दल बनाकर रहते हैं, किंतु उन प्राणियों के दल और मनुष्य के समाज में यह भेद है कि मनुष्य ने अपनी बुद्धि द्वारा अपने सामाजिक जीवन का लगातार विकास किया है जबकि अन्य प्राणियों का दल सैकड़ों वर्षों के बाद भी उन्नति नही कर सका है।
ख- व्यक्ति और समाज में परस्पर किस प्रकार का सम्बंध होता है?
उत्तर - समाज और व्यक्ति का पारस्परिक दृढ़ संबंध है। एक की उन्नति दूसरे की उन्नति है। समाज की उन्नति होने से व्यक्ति की उन्नति होगी; और व्यक्ति की उन्नति से समाज की उन्नति होगी।
ग- समाज सेवा से क्या आशय है?
उत्तर - हमें अपने कल्याण के लिए, अपनी उन्नति के लिए, अपने सुख के लिए और दूसरों के सुख के लिए सुखकर कार्य करने पड़ते हैं। ऐसे ही कामों को हम सेवा कहते है। समाज सेवा का अर्थ है दूसरों का दुःख दूर करना, उनको सुखी करना।
घ- समाज सेवा पाठ में नवयुवकों के क्या कर्तव्य बताए गए हैं?
उत्तर- समाज सेवा पाठ में नवयुवकों का यह कर्तव्य बताया गया है, इस देश की समाज में आज कल गरीबो के उत्थान की जो चेष्टा की जा रही है, यह समाज सेवा ही है-नारियों की दुखस्था दूर करने के लिए या कुष्ठ आदि रोगग्रस्त लोगों की यातना दूर करने के लिए प्रयत्न करना।
ड- समाज में समता का अभाव होने पर क्या होता है?
उत्तर- जहाँ समता का अभाव है, वहां समाज में दृढ़ता नहीं है, क्योंकि किसी प्रकार की असमानता होने पर, भेद भाव होने पर पारस्पारिक ईर्ष्या-द्वेष आदि भाव आवश्यक होते है। तब उनके फूट भी पैदा होगी और एकता का नाश होने पर समाज की अवनति भी होगी।

भाषा की बात
प्रश्न 4. नीचे दिए गए शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए-
        अर्थसीधी,  प्रसंशा, अनिर्वाय, व्यक्ती, परिवर्तन, इस्थिरता, आभाव, दोस
उत्तर - अर्थसिद्धि, प्रशंसा, अनिवार्य, व्यक्ति, परिवर्तन, स्थिरता, अभाव, दोष।










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