पाठ 1
मेरा देश महान बने
उदयशंकर भट्ट
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शब्दार्थ
ध्येय = लक्ष्य
श्रेय = कल्याण, शुभ, मंगल, यश
गुरुता = बड़प्पन, श्रेष्ठता
वरण = चयन
प्राणवान = जीवित , सजीव
वज्र = कठोर
विधान = संविधान, नियम
सदुद्देश्य = अच्छा उद्देश्य
1- एक ध्येय हो -------- महान बने ।
संदर्भ
- प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक "सुगम भारती " के "मेरा देश महान
बने " नामक पाठ से अवतरित है । इसके रचयिता श्री उदयशंकर भट्ट जी हैं ।
प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने जीवन के सजीव अच्छे उद्देश्य को चित्रित किया है ।
व्याख्या
- कवि राष्ट्र प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करते हुए कहते हैं कि
हमारे देश को उच्च कोटि का बनाने के लिए हमारा एक उद्देश्य होना चाहिए ,
एक ही उत्तम समान, नियम बने जिससे मेरा देश महान अर्थात उच्च कोटि का बने ,
हमारा देश एक ही है , इसलिए उसका वेष भी एक ही हो , सजीव उद्देश्य हो तथा
उसे ऊँचा उठाने का अपना स्वयं का ध्यान हो तथा वह हिमालय से ऊँचा हो । इसके
लिए हमारी मृत्यु का चुनाव भी एक ही हो जिससे हमारा जीवन समान बने तथा
हमारा देश उच्च कोटि का बने ।
2 सिंहों से ---------- मेरा देश महान बने ।
संदर्भ - पूर्ववत ।
प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश में कवि जोश की भावना उत्पन्न करने का प्रयास कर रहा है ।
व्याख्या
- कवि कहता है कि हमारे नौजवान सिंहों के भाँति लड़ने वाले वीर हों , मौका
आने पर दुश्मनों को रोकने वाले हों तथा हँसते - हँसते मौत को गले लगाकर
शहीद होने वाले हों। वे दुश्मनों के लिए वज्र के समान कठोर बनें तथा अपने
देशवासियों के लिए फूलों की मुस्कान के समान कोमल बनें । ऐसे वीर सपूतों से
ही मेरा देश उच्च कोटि का बन पाएगा ।
3. उठें , देश के लिए ------------ मेरा देश महान बने ।
संदर्भ - पूर्ववत ।
प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने देश के सपूतों को कुछ निश्चित जीवन के उद्देश्य बतलाये हैं ।
व्याख्या
- कवि राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करते हुए कहते हैं कि
हे वीर सपूतों ! हमारे मन में हमारे देश के लिए ऐसे भाव उपजें कि हम देश के
लिए जिएँ , देश के लिए ठोस पदार्थ की भाँति तरल हो जाएँ। मरें तो देश के
लिए मरें तथा हमारे तन में और मन में एक ही ध्यान हो कि हमारा देश
महिमावान तथा उच्च कोटि का बने ।
1 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
(क) सही जोड़ी बनाइए -:
अ ब
- मेरा देश उठान हो
- एक हिमालय सी महान बने
- सिंहों से दुश्मन को
- वज्र बने लड़ने वाले हों
उत्तर -
- महान बने
- उठान हो
- लड़ने वाले हों
- दुश्मन को
(ख) दिए गए विकल्पों में से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(अ) एक ध्येय हो , एक श्रेय हो , एक समान विधान बने। (महान , विधान)
(ब) सिंहों से लड़ने वाले हों , अवसर पर अड़ने वाले हों। (अड़ने , उड़ने)
(स) तन में , मन में यही ध्यान हो भारत महिमावान बने। (ध्यान , ज्ञान)
(द) मरण एक हो , वरण एक हो , जीवन एक समान बनें। (चरण , वरण)
2 अति लघुउत्तरीय प्रश्न -
1. देशवासियों का केवल एक ध्येय क्या होना चाहिए ?
उत्तर - देशवासियों का केवल एक ध्येय होना चाहिए , कि मेरा देश महान बने।
2.. देशवासियों को सदैव किस बात का ध्यान रहना चाहिए?
उत्तर - देशवासियों को सदैव अपनी गुरुता का ध्यान रखना चाहिए ।
3. कवि के अनुसार जीवन कैसा होना चाहिए ?
उत्तर - कवि के अनुसार जीवन एक समान होना चाहिए।
4. दुश्मन के सामने हमें कैसा बन जाना चाहिए ?
उत्तर - दुश्मन के सामने हमें वज्र की भाँति कठोर बन जाना चाहिए ।
3 लघुत्तरीय पश्न -
1. कवि , युवकों को कैसा बनने की प्रेरणा देता है ?
उत्तर
- कवि युवकों को प्रेरणा देते हुए कहते हैं कि तुम सिंहों की भाँति लड़ने
वाले वीर योद्धा बनो और मौका आने पर दुश्मनों को रोकने वाले बनो तथा
शहीदों की भाँति हँसते - हँसते मौत को गले लगा लो। दुश्मनों के लिए वज्र के
समान कठोर बनो, जिससे मेरा ये देश उच्चकोटि का बन जाए ।
2 "हँसते - हँसते मौत मसलकर आसमान चढ़ने वाले हों" से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर
- "हँसते - हँसते मौत मसलकर आसमान चढ़ने वाले हों " से कवि का आशय यह है
कि जिस प्रकार शहीद दुश्मनों की सेना को मसलते हुए अपने आप को शहीद कर देते
हैं, उनकी भाँति आसमान को छूने वाले बनो।
3.. कवि को देशवासियों से क्या अपेक्षाएं हैं ?
उत्तर
- कवि की देशवासियों से अपेक्षाएँ यह है कि हमारे मन में हमारे देश के लिए
ऐसे भाव उपजें कि हम देश के लिए जीएँ , देश के लिए ठोस पदार्थ की भाँति
तरल हो जाएँ , मरें तो देश के लिए मरें तथा हमारे मन में एक ही ध्यान हो कि
हमारा देश महिमावान तथा उच्चकोटि का बने।
4. देश की एकता और अखण्डता के लिए कवि ने कौन - कौन से सूत्र दिए हैं ?
उत्तर
- देश की एकता और अखण्डता के लिए कवि का कहना है कि हमारा देश एक है ,
इसलिए हमारा वेश एक हो, सजीव उद्देश्य हो, देश को ऊँचा उठाने का एक
ध्यान हो, जो हिमालय के समान ऊँचा हो , हमारी मृत्यु का चुनाव भी एक - सा
हो, जिससे हमारा जीवन एक समान बने तथा हमारा देश उच्चकोटि का बने ।
2. निम्नलिखित शब्दों में से (फूल) एवं (आसमान) के पर्यायवाची शब्द छाँटकर लिखिए -
फूल -- कुसुम , पुष्प , सुमन , प्रसून
आसमान -- आकाश , नभ , गगन , अम्बर
3. निम्नांकित शब्दों में " वान " प्रत्यय जोड़कर शब्द बनाइए -
शब्द नया शब्द
गाड़ी गाड़ीवान
धन धनवान
कोच कोचवान
बल बलवान
4. उदाहरण के अनुसार विपरीतार्थी शब्द लिखिए -
समान असमान
स्वदेश विदेश
नूतन प्राचीन
सजीव निर्जीव
फूल काँटे
दुश्मन मित्र
हँसना रोना