Class 8 Hindi Chapter 1 Var de

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Chapter 1 Var de



MP Board Class 8 Hindi Bhasha Bharti Chapter 1Var de question answer






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Chapter 1 वर दे

Question Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए

(क) ‘नव नभ’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर : ‘नव नभ’ के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि सभी प्राणी नए भारतवर्ष की रचना करें और उन्हें इस निर्माण में सभी नए साधन प्राप्त हों।


(ख) इस कविता में कवि किससे वरदान मांग रहा है ?

उत्तर : इस कविता में कवि ज्ञान की देवी माँ सरस्वती से वरदान माँग रहा है।


(ग) कवि भारत में कौन-सा मन्त्र भरने की बात कह रहा है ?

उत्तर : ‘कवि भारत में नव अमृत मन्त्र भरने की बात कह रहा है।


प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए

(क) कवि माँ सरस्वती से क्या वरदान चाह रहा है?

उत्तर :  कवि माँ सरस्वती से वरदान चाहता है कि सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्वतन्त्रता की नई भावना का अमर मंत्र भर जाये। प्रत्येक व्यक्ति के हृदय से विभिन्न स्तर से अज्ञान का अन्धकार दूर हो जाए तथा सर्वत्र ज्ञान की ज्योति का झरना बहने लगे। मन के विकार दूर हो जायें, अजान का अन्धकार नष्ट हो जाए तथा समस्त संसार ज्ञान के प्रकाश से चमक उठे। सम्पूर्ण भारत नई गति प्राप्त करके गीत और छन्द के क्षेत्र में नवीनता प्राप्त करे।

प्रत्येक कंठ में मधुर स्वर नए बादल की गम्भीर और कल्याणकारी गर्जना के समान उठने लगे। कविता और गीत के आकाश के स्वतन्त्र वातावरण में नये जन्मे पक्षियों के समान नए कवि और गीतकार अपनी कल्पना के नये पंखों (गीतों) के सहारे उड़ान भरने में समर्थ हो जायें। इस तरह, हे सरस्वती देवी । ऐसे उन नए कवियों को स्वतन्त्रता का नया स्वर प्रदान कर दे।


(ख) कवि प्रकृति की हर वस्तु में नया रूप क्यों देखना चाह रहा है?

उत्तर : कवि ‘निराला’ जी ने अपनी कविता में प्रकृति की ही वस्तु का चित्रण नये रूप में किया है। वे चाहते हैं कि प्रकृति में कोई भी वस्तु अपने पुराने अथवा अतीत के स्वरूप में न बनी रहे। वे चाहते हैं कि वहाँ मधुरता हो, भावुकता हो, सजीवता हो क्योंकि प्रकृति अपने गतिप्रधान स्वरूप में मनुष्य मन को शुद्धता, पवित्रता और कोमलता प्रदान करती है।

प्रकृति अपने प्रत्येक बदले हुए स्वरूप में प्रेम और सौन्दर्य का उपदेश देती है। प्रकृति के स्वतन्त्र विकास से उसकी निर्भीकता तथा सभी के कल्याण की भावना मनुष्य में विकास पाती है। प्रकृति के मुक्त चित्रण में कवि ने रूढ़ियों की अन्धेरी काया को तोड़ कर मानव मुक्ति का सन्देश दिया है। नये बादल की मधुर गम्भीर गर्जना लोगों के मन के विकारों को दूर करके अपनी सुखद वर्षा से पृथ्वी को शस्य श्यामला बना देती है। कवि ने अपनी कविता में सर्वत्र ही अज्ञान के अन्धकार को मिटाने तथा ज्ञान के प्रकाश से सम्पूर्ण जगत् को लाभ देने के लिए ‘शारदा’ से नम्र निवेदन किया है कि सम्पूर्ण समाज सत्य, शिव और सुन्दर बन जाये।


प्रश्न 4. निम्नलिखित पंक्तियों की उचित शब्दों से पूर्ति कीजिए

(क) कलुष भेद, तम हर …………. भर।

(ख) काट अन्ध उर …………….. स्तर।

(ग) बहा ……………….. ज्योतिर्मय निर्झर।

(घ) नव …………… स्वर दे।

उत्तर : (क) प्रकाश

(ख) के बन्धन

(ग) जननि

(घ) पर, नव।


प्रश्न 5. निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए

(क) काट अन्ध उर के बन्धन स्तर,

बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर।

उत्तर : हे माँ ! मनुष्यमात्र के हृदय में जो अज्ञान के भिन्न-भिन्न स्तरों के बन्धन हैं, उन्हें काट दे और उन्हें हर प्रकार के अज्ञान से मुक्त कर दे। उनके हृदयों में ज्ञान का ज्योति रूपी झरना बहा दे। मन के विकारों (बुरे भाव) को दूर कर दे। अज्ञान के अन्धकार को मिटा दे। ज्ञान का प्रकाश भर दे। सम्पर्ण संसार को जगमगा दे।


(ख) नव नभ के नव विहग वृन्द को,

नव पर, नव स्वर दे।

उत्तर :

हे माँ सरस्वती ! आकाश के समान यह नया समाज सर्वत्र फैला हुआ है। इसमें नए-नए कवि नवीन पक्षियों (अभी जन्म लेने वाले पक्षियों) के समान चहकते हुए कल्पना की उड़ान भरने के लिए आकुल हैं। तू, इन नए कवि रूपी पक्षियों को नई गति प्रदान कर। नवीन लय और ताल से युक्त छन्द प्रदान कर, इन्हें नए-नए पंख (कल्पनाशक्ति) देकर ऊँची उड़ान भरने योग्य बना दे। इनके कण्ठ को कोमल और नवीन बादल के समान धीमा और गम्भीर स्वर प्रदान कर दे ताकि ये नए-नए गीत (कविताएँ) गा सकें।


 प्रश्न 6. सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) ‘नव नभ के नव विहग वृन्द को पंक्ति में अलंकार

(अ) यमक

(आ) अनुप्रास

(इ) श्लेष।

उत्तर :

(आ) अनुप्रास


(ख) ‘वर दे’ कविता के रचयिता हैं

(अ) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

(आ) जयशंकर प्रसाद

(इ) गिरधर।

उत्तर :

(अ) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’


(ग) विहग वृन्द का आशय है

(अ) पशुओं का समूह

(आ) मनुष्यों का समूह

(इ) पक्षियों का समूह।

उत्तर : 

(इ) पक्षियों का समूह।


भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए

वीणावादिनी, स्वतन्त्र, अमृत, ज्योतिर्मय, विहग वृन्द, बन्धन, निर्झर, जननि।

उत्तर : विद्यार्थी उपर्युक्त शब्दों को ठीक-ठीक पढ़कर उनका शुद्ध उच्चारण करने का अभ्यास करें।


प्रश्न 2. ‘वर दे’, पाठ में आए ‘र’ के विभिन्न रूप (..और र) वाले शब्द छाँटकर लिखिए।

उत्तर : रव, भर, उर, स्तर, ज्योतिर्मय, निर्झर, अमृत, प्रिय, हर, वृन्द।


प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के नीचे बनी वर्ग पहेली से दो-दो पर्यायवाची शब्द खोजकर लिखिए

अमृत, जननि, रात, जग, आकाश, विहग।

उत्तर : 

शब्दपर्यायवाची शब्द
अमृतसुधा, अमिय।
जननिमाँ, माता।
रातरात्रि, निशा।
जगसंसार, जगत
आकाशनभ, गगन।
विहगपक्षी, खग।


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