पाठ 17
जीवन दीप
- संकलित

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शब्दार्थ
बिक्री = बेचनामालामाल = धनीदुष्टता = बुरा भावक्रूरता = निर्दयतालिप्सा = लालचकारागार = जेलअभिप्राय = मतलब, अर्थकुसंगति = बुरी संगति, बुरा साथकुटुम्बी = परिवार के लोगकुढ़न = ईर्ष्या करना, जलनापराया धन = दूसरे की सम्पत्तिपतवार = नाव को खेने वाली लकड़ी, जिसका एक सिर चपटा होता हैमाजरा = घटना ,दृश्यघटना = क्रम, वृत्तान्त
(क) सही जोड़ी बनाइए-
उत्तर -
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
1 चित्र को देखकर कैदी फूट-फ़ूटकर रोने लगा।(फूट-फ़ूटकर/डरकर)
2 यात्रियों ने कहा पराया धन किस काम का।(लूट का माल/पराया धन)
3 रास्ते के एक किनारे पर एक भिखारी बैठा था।(भिखारी/साधु)
4 आदमी अपनी वाणी से खुद अपनी पहचान बता देते हैं।(वाणी/शक्ल)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
2 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए-
(क) चित्रकार का कौन सा चित्र सबसे ज्यादा पसंद किया गया?
उत्तर - जिस चित्र में बालक के मुख से भोलेपन ,सरलता और दीनता के भाव उजागर हो रहे थे, चित्रकार का वह चित्र सबसे अधिक पसंद किया गया।
(ख) चित्रकार किस तलाश में कारागार गया था?
उत्तर - चित्रकार ऐसे व्यक्ति का चित्र बनाना चाहता था जिसके मुख से धूर्तता, क्रूरता और स्वार्थ लिप्सा फूट पड़ती हो।
(ग) पहले यात्री ने अपने दोनों झोलों में क्या भरकर रखा था?
उत्तर - पहले यात्री के आगे के झोले में बुराई तथा पीछे के झोले में अच्छाई थी।
(घ) महाराज! आपने इधर से किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी? यह विनम्र वाणी किस व्यक्ति की थी?
उत्तर - महाराज! आपने इधर से किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी? वह विनम्र वाणी राजा की थी।
लघु उत्तरीय प्रश्न
3• निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में लिखिए -
(क) चित्रकार किस प्रकार का चित्र बनाना चाहता था?
उत्तर - चित्रकार ऐसे व्यक्ति का चित्र बनाना चाहता थाजिसके मुख से धूर्तता, क्रूरता और स्वार्थ लिप्सा फूट पड़ती हो।
(ख )अपना पहला चित्र देखकर कैदी क्यों रोने लगा?
उत्तर - अपना पहला चित्र देखकर कैदी इसलिए रोने लगा कि मैं पहले कितना भोला था और अब यह दशा मेरी कुसंगति के कारण ही हुई है।
(ग) तीसरे यात्री ने झोले में रखी सामग्री के क्या स्पष्टीकरण दिया?
उत्तर- तीसरे यात्री ने कहा कि पीछे वाले झोले में दूसरों की जो बुराइयाँ मुझे मिलती है, उन्हें डाल देता हूँ।उसमें नीचे मैंने बड़ा छेद बना दिया है, जिसमे से वे बुराइयाँ गिरती जाती है और उन्हें भूल जाता हूँ इस तरह दूसरों के उपकार और उनकी अच्छाइयाँ ही मेरे सामने रहती है और मेरा जीवन उत्साह से भरा रहता है।
(घ) वाणी से आदमी की पहचान किस प्रकार होती है? पाठ के आधार पर इसका उत्तर दीजिए।
उत्तर - साधु ने कहा - "भाई, आदमी अपनी वाणी से खुद अपनी पहचान बता देता है। जो जितना बड़ा होता है वह उतना ही नम्र और विनयी होता है और दूसरों का सम्मान करता है।"
(ङ) ' यह भार मेरे लिए वैसे ही है, जैसा चिड़ियों के लिए पंख।' इस कथन में कौन सा भाव झलकता है?
उत्तर - यह भार मेरे लिए वैसे ही है, जैसा चिड़ियों के लिए पंख। इस कथन से उसमें सहज भाव झलकता है जिसमें किसी प्रकार की बोझिलता नहीं रहती।
4• निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए -
प्रतिया, अभिपराय,आशचर्य,कुसंगति कुटुम्बीयों, अच्छाईयं
उत्तर- शब्द शुद्ध वर्तनी
प्रतिया प्रतियाँ
अभिपराय अभिप्राय
आशचर्य आश्चर्य
कुसंगति कुसंगति
कुटुम्बीयों कुटुंबियो
अच्छाईयाँ अच्छाइयाँ
5• पाठ में आई लोकोत्तियों का अर्थ बताते हुए नए वाक्य बनाइए -
1 अब पछताय होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।
अर्थ - अवसर चुकने के बाद पछताने से कोई लाभ नहीं होता।
वाक्य - पूरे वर्ष भर मेहनत नहीं किया।परीक्षा में फेल होने पर क्या पछताना।
2. जाके पाँव न फ़टी बिबाई ,सो क्या जाने पीर पराई।
अर्थ -कष्ट सहन करने वाले ही दूसरों की के कष्ट का अनुभव कर सकते हैं।
वाक्य - आलिशान बंगलों में रहने वाले धनी लोग गरीबों के दुःखों को क्या समझें?
3. तुम डार-डार, हम पात- पात।
अर्थ - किसी की चाल का जवाब देना।
वाक्य - तुमने क्या सोचा था, हमारे पास कोई जवाब नहीं था।
Thanks
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