प्रार्थना | Lesson 1 | Class 7 | Hindi | M.P. Board

पाठ 1

           प्रार्थना                  

 डॉ• जयकुमार जलज 


 

MP Board Class 7 Hindi Chapter 1 Prarthana pdf

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MP Board Class 7 Hindi Chapter 1 Prarthana
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MP Board Class 7 Hindi Chapter 1 Prarthana Question Answers
Textual Exercise
शब्दार्थ
 मुसीबत = कठिनाई, संकट
 भारी = बहुत बड़ा, गंभीर
आँधी से = आंधी के समान, सघन, भयानक
 तकदीर = भाग्य, किस्मत
 दिये = दीपक
आंखो में आँसू भरना = रोना, निराश होना
 सपना = स्वप्न, कल्पित लक्ष्य।

(1) तन से ---------- बादल सा बिखरा दें।
संदर्भ-- प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्य-पुस्तक -"सुगम भारती" (हिन्दी सामान्य) भाग 7 के पाठ 1 प्रार्थना से ली गई हैं। इसके रचयिता डॉ• जयकुमार जलज हैं।
प्रसंग--प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने चेताया है कि हम अपनी बुद्धि और बल का प्रयोग करके जीवन में उत्पन्न मुसीबतों का मुकाबला करें।
व्याख्या - हम सब को अपनी बुद्धि और बल का सदुपयोग करके स्वयं का विकास करना चाहिए। फिर चाहे जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई, या मुसीबत उत्पन्न हो, हम उनका मुकाबला डट कर करें।

(2) मुट्ठी में तकदीरें -------- भर जाएँ।
संदर्भ - पूर्व वत।
प्रसंग -- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने किस्मत को स्वयं बनाने और सबके लिए मार्गदर्शक बनने के लिए आव्हान किया है।
व्याख्या -- हमे अपना भाग्य खुद बनाना चाहिए और स्वयं को इतना मजबूत बना लेना चाहिए कि कमजोर हमारा सहारा ले सके। प्यासे अपनी प्यास बुझा सके तथा दूसरों पर निर्भर न होना पड़े।

(3) थके हुए के लिए -------- आँसू भरने को।
संदर्भ - पूर्व वत।
प्रसंग - प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कमजोर और दीन-दुखियों की रक्षा के लिए जागृत किया है।
व्याख्या - जो व्यक्ति समाज की मुसीबतों से डर जाते हैं, थक जाते हैं, उनको सही राह सुझाएँ। हमे निस्वार्थ होकर दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए। हमे अपने घावों की चिंता न करके दूसरो के आँसू पोंछने चाहिए।

(4) माँ इन ------------------ सपना।
संदर्भ - पूर्व वत
प्रसंग - इसमे बच्चे माँ से आशीर्वाद माँग रहे हैं।
व्यख्या - बच्चे माँ के समक्ष प्रार्थना कर रहे हैं कि वे तन-मन और बुद्धि से इतने पूर्ण हो जाएं कि सबकी रक्षा कर सके।

1 (क) सही जोड़ी बनाइए-
     (अ)                     (ब)                   उत्तर
सिर।                         तन।                   ऊंचा 
सीना।                        ऊंचा।                तान 
दिया।                         गागर।               लौ 
सागर                         लौ।                  गागर। 

(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर काव्य पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए-
1. अपने सुख दुःख को चुप-चाप सहे हम।( चुप चाप, सहर्ष)
2. थके हुए के लिए हवा की तरह सदा बहे हम।(दवा की तरह, हवा की तरह)
3. बैठे आँखों में आँसू भरने को। (आशा,आँसू)
4. माँ! इन नन्हे हाथों को बस यह प्रसाद दो अपना। (प्रभार, प्रसाद)

अति लघुत्तरीय प्रश्न--
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए -
(क) कवि अपनी मुट्ठी में क्या बांधना चाहता है?
उत्तर : कवि अपनी मुट्ठी में तकदीर बांधना चाहता है।

(ख) हम सीना तान कर किस प्रकार खड़े हों?
उत्तर : हम पर्वत की तरह सीना तानकर खड़े हों।

(ग) कवि नन्हे हाथों में किस प्रसाद को कहता है?
उत्तर : कवि नन्हे हाथों में ऐसा प्रसाद चाहता है जिससे वह वो कार्य कर सके जिस को लोग सपना मानते हैं।

(घ) इस कविता में "माँ" का संबोधन किसके लिए है?
उत्तर : कविता में "माँ" का संबोधन भारत माता के लिए है।

लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पांच वाक्यों में लिखिए-
(क) कवि माँ से क्या-क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर : कवि माँ से प्रार्थना करता है कि वह बुद्धि और बल से श्रेष्ठ बने। उनका सिर पर्वत सा ऊँचा हो ताकि वे सभी मुसीबतों का डटकर मुकाबला करे। हममे इतनी शक्ति हो कि हम जरूरतमंदो की सेवा कर सकें। हम अपने दुःखों को चुपचाप सहें। वह कार्य भी कर सकें जिसे सब सपना समझते हैं।

(ख) 'सावन से घिर आएँ 'का क्या तात्पर्य है?
उत्तर : 'सावन से घिर आएँ 'पंक्ति में कवि का तात्पर्य है कि माँ हमे इतनी शक्ति और बुद्धि प्रदान करे कि हम सभी प्यासों की प्यास बुझा सकें तथा हर सूखी और बंजर भूमि को तृप्त कर सकें।

(ग) कवि नन्हे हाथो को कहाँ तक पहुँचाना चाहता है?
उत्तर - कवि नन्हे हाथों को वहाँ तक पहुँचाना चाहता है जहाँ तक लोग मात्र सपना सा समझते हैं अर्थात हर समय उनके हाथ दूसरों की मदद के लिए उठें।

(घ) प्रार्थना कविता का भावार्थ लिखिए।
उत्तर : संपूर्ण कविता में कवि ने बच्चों को प्रार्थना के माध्यम से परिपूर्ण बनने का आव्हान किया है। बच्चे माँ के सामने प्रार्थना करते है कि उनकी बुद्धि और बल दोनो श्रेष्ठ हों ताकि वे उन व्यक्तियो की सेवा कर सकें जो दुर्बल एवं क्षीण हैं। अपने दुखों को सहने तथा दीन-दुखियों की सहायता करने पर बल दिया गया है।

4, निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए--
        साबन, बुध्दी, पिरसाद, सदेव, परबत, पियासे
उत्तर : साबुन, बुद्धि, प्रसाद, सदैव, पर्वत, प्यास।

5. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-
पर्वत -               नग, अचल
सिर -                शीश, मस्तिष्क
सागर -              समुद्र, जलधि
हवा -                 नीर, पवन
धरती -               धरा, भू
आँख -               लोचन, नेत्र

6, निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए--
ऊँचा, कठिन, अंधियारा, सुख, बड़े, बिखराना
उत्तर :  ऊँचा        -    नीचा
         कठिन       -    सरल
         अँधियारा   -    उजियारा
         सुख         -     दुःख
          बड़े          -    छोटे
         बिखराना   -   समेटना

 
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