MP Board Class 5 Hindi Bhasha Bharti Chapter 16 Patalkot

 

Chapter 16 पातालकोट 

Class 5 Hindi Chapter 16 Patalkot
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Question Answers

Exercise


बोध प्रश्‍न 

1.निम्नांकित शब्दों के अर्थ पुस्तक में दिए शब्दकोश से खोजकर लिखिए- 

जनजाति  - ------------

श्रंखला  - ------------

संस्कृति  - ------------

अभ्यस्‍त   - ------------

बहुरंगी   - ------------

कष्ट साध्‍य  - ------------

विशिष्ट   - ------------

अच्‍छादित  - ------------

अंचल  - ------------

आमोद-प्रमोद   - ------------

अदम्‍य   - ------------

वनोपज  - ------------

तिलस्‍मी   - ------------

आनन्‍दोत्‍सव   - ------------

उपेक्षित  - ------------

वन संरक्षण  - ------------


उत्तर -

जनजाति  - अनुसूचित जनजातियॉं

श्रृंखला  -  सिलसिला, एक दूसरी में पिरोई हुई बहुत सी कड़ियों का समूह।

संस्कृति  - सभ्‍यता

अभ्यस्‍त   - अच्‍छी तरह सीखा हुआ, किसी काम का आदी होना

बहुरंगी   - अनेक रंग की

कष्ट साध्‍य  - कार्य जो कठिनाई से किया जाये

विशिष्ट   - विशेष

अच्‍छादित  - ढँका हुआ

अंचल  - क्षेत्र

आमोद-प्रमोद   - खेल तमाशे

अदम्‍य   - बहुत प्रबल

वनोपज  - वन में पैदा होने वाली उपज।

तिलस्‍मी   - करामाती, चमत्‍कारी

आनन्‍दोत्‍सव   - खुशी से मनाया गया त्‍यौहार

उपेक्षित  - जिसकी उपेेक्षा की गई हो

वन संरक्षण  - जंगल के पेड़ पौधों की देख-रेख करना  


2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

(क) इस लेख में जिन लोगों का वर्णन किया गया हैै, वे कहॉं के रहने वाले हैं ?

उत्तर- इस लेख में जिन लोगों का वर्णन किया गया हैै, वे पातालकोट के रहने वाले हैं।


(ख) पातालकोठ की महिलाऍं कौन-कौन से आभूषण पहनती हैं?

उत्तर -  पातालकोठ की महिलाऍं गले में मणियों की मालाऍं, हाथों में चूड़ी-कंगन और विनोरियॉं तथा पैरों में बेडि़यॉं पहनती हैं?


(ग) पालालकोट के निवासी शेर से भयभीत क्‍यों नहीं होते हैं?

उत्तर- पातालकोट के निवासी शेेर से भयभीत नहीं होतें हैं क्‍योंकि उनके पास हथियार के रूप में कुल्‍हाड़ी और टंगिया होती है। महिलाओं के पास भी हँसिए होते हैं।


(घ) पातालकोठ पहुँचने के मार्ग में पथिक को किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है ?

उत्तर- पातालकोट पहुँचने के मार्ग में पथिक को ऊबड़- खाबड़ रास्‍ते से नीचे उतरना पड़ता है। पगडंडीनुमा खतरनाक टेढ़-मेढ़े रास्‍तें में बहुत सावधानी रखनी पड़ती है, किन्‍तु वे इतने अभ्‍यस्‍त हैं कि छोटा रास्‍ता ढूँढकर अपनी बस्‍तियों में पहुँच जाते हैं। पातालकोट का सफर कई दिनों तक पिंडलियों और जॉंघों में होने वाले दर्द और जकड़न के रूप में महसूस होता है।


(ङ) 'पातालकोट में नई रोशनी पहुँच गई है।' इस कथन को सिद्ध कीजिए। 

उत्तर -  पातालकोट की पुरानी मान्‍यताऍं तो अब टूटती जा रही हैं। ये खेेती के नए तरीके सीखने लगे हैं। शिक्षा व स्‍वास्‍थ्‍य सेवाऍं भी शुरू हो चुकी हैं। वन-संरंक्षण और विकास की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। पंचायत व सामुदायिक विकास की कई योजनाऍं क्रियान्वित हैं। बिजली का खंभा पातालकोट में लग गया है। इस प्रकार से ये सब बातें सिद्ध करती हैं कि पातालकोट में नई रोशनी की चमक पहुँच गई है।  


(च) पातालकोट के निवासियों के आमोद-प्रमोद के क्‍या साधन हैं? 

उत्तर-  पातालकोट के निवासियों के आमोद-प्रमोद के साधन नृत्य और गीत हैं।


3. पाठ के आधार पर निम्‍नलिखित वाक्‍यों के रिक्‍त स्‍थानों की पूर्ति कीजिए -

(क) पातालकोट का आकार अंग्रेजों के ------------ जैसा है।

(ख) पातालकोट का क्षेत्रफल  ------------  वर्ग किलोमीटर है।

(ग) पातालकोट के जनजाति  ------------  की पूजा करते हैं।

उत्तर - 

(क) पातालकोट का आकार अंग्रेजों के 'यू' आकार जैसा है।

(ख) पातालकोट का क्षेत्रफल 79 वर्ग किलोमीटर है।

(ग) पातालकोट के जनजाति रावण, मेघनाद की पूजा करते हैं।


4. पातालकोट के जनजातियों के भोजन और पहनावे का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

उत्तर - पातालकोट की जनजाति के लोग कुटकी का पेज और मक्‍के की रोटी खाते हैं। ये लोग आम की गुठली के बीज के आटे की रोटी बनाते हैं। वेबरकुटकी व भातकंद नाम की जड़ भी खाने में काम लाते हैं। पातालकोट जनजाति के पुरूष घुटने तक धोती और बदन पर 'सलूजा' पहनते हैं। कोई बंडी भी पहनते हैं। सिर पर पगड़ी की तरह एक सफेद कपड़ा लपेट लेते हैं। महिलाऍं घुटने तक साड़ी पहनती हैंं तथा गले में मणियों की मालाऍं, कानों में कर्णफूल, हाथों में चूड़ी कंगन और चिनोरियॉं तथा पैरों में बेडि़यॉं पहनती हैं। ये आभूषण गिलेट, काँसा आदि धातु के बने होते हैं।     


5. पातालकोट में कितने समय तक दिन रहता है सही विकल्‍प चुनिए -

(अ) सुबह 07 से 01 बजे तक

(ब) सुबह 9 बजे से 3 बजे तक

(स) सुबह 10 से 5 बजे तक

उत्तर - 

(ब) सुबह 9 बजे से 3 बजे तक


6. निम्‍नलिखित वाक्‍यों को स्‍पष्‍ट कीजिए  -

(क) वहॉं के निवासी शेर के पदचिन्‍हों को देखकर आस-पास उसकी उपस्थिति से भयभीत नहीं होते।

उत्तर - 

पातालकोट जनजाति के लोग शेर के पॉंव के निशान देखकर उसकी उपस्थिति को भॉंप लेते हैं। इसलिए वे शेर से भयभीत नहीं होते हैं। वे पहले से ही शेर से सावधान हो जाते हैं।

(ख) नई रोशनी से पातालकोट निश्चित रूप से जगमगा उठेगा।

उत्तर -  

यहॉं के आदिवासी खेती के नए-नए तरीके सीखने लगे हैं। शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाऍं प्रारंभ हो चुकी हैं।  बिजली का खंभा लग चुका है। जो बल्‍ब जलता हुआ दिखाई देता हैै,वह इस बात का प्रतीक है कि नई रोशनी से पातालकोट निश्चित रूप से जगमगा उठेगा। 


7. पातालकोट के स्‍त्री-पुरूषों के पहनावे पर प्रकाश डालिए  -

उत्तर -  

पातालकोट जनजाति के युवा घुटने तक धोती और बदन पर सलूजा पहनते हैं। कोई बंडी पहनते हैं। सिर पर पगड़ी की तरह सफेद कपड़ा लपेट लेते हैं । महिलाएं घुटने तक साड़ी पहनती हैं तथा गले में मणियों की मालाएं, कानों में कर्णफूल हाथों में चूड़ी कंगन और बिनोरिया पहनती है।


8. पाठ के आधार पर सही जोड़ियां मिलाकर लिखिए -

'क' ख'
जंगल काटकर खेत बनाना  

कमीज की तरह एक वस्त्र 
- सुवारी

- भारिया

महुए की आटे में मिलाकर रोटियाँ बनाना 
नवापुर के भारवाहक मजदेूूर
- आजुइया पद्धति

  - सलूजा


उत्तर -

जंगल काटकर खेत बनाना  - आजुइया पद्धति

कमीज की तरह एक वस्त्र - सलूजा

महुए की आटे में मिलाकर रोटियाँ बनाना - सुवारी

नवापुर के भारवाहक मजदूर  - भारिया


 भाषा अध्ययन 

1. निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए और उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिये-

संस्कृति, श्रृंखला, अभ्यस्त, आच्छादित, स्त्रोत, पदचिन्हों, आकांक्षा, सप्ताह

उत्तर - 

संस्कृति - हमें अपनी संस्कृति को बचाए रखना है।

श्रृंखला - आजकल विरोध प्रकट करने के लिए मानव श्रृंखला बनाई जाती है।

अभ्यस्त - हम रोज मंदिर जाने के अभ्यस्त  हैं।

आच्छादित - आसमान काले बादलों से आच्छादित हैं।

स्त्रोत - पानी निकालने के कई स्त्रोत हैं।  

पदचिन्हों - हमें बड़ों के पदचिन्हों पर चलना चाहिए।

आकांक्षा - मेरी आकांक्षा विदेश जाने की है।

सप्ताह - हम सप्ताह में एक बार पिकनिक के लिए जाते हैं।


4. नीचे कुछ शब्द और उनके अर्थ दिए गए हैं, उनकी सही जोड़ी बनाइए -

'क' ख'
जिज्ञासा 

विश्रामगृह 
- आदमी को खाने वाला

- जहाँ मनुष्य ना हो

सघन 

आदमखोर

लोकमान्यता 
- लोगों द्वारा मानी गयी बात

  - अधिक घना

- जानने की इच्छा

निर्जन

 - ठहरने के लिए बनाया गया भवन

उत्तर -

जिज्ञासा -  जानने की इच्छा

विश्रामगृह -  ठहरने के लिए बनाया गया भवन

सघन - अधिक घना

आदमखोर - आदमी को खाने वाला

लोकमान्यता - लोगों द्वारा मानी गयी बात  

निर्जन - जहाँ मनुष्य ना हो


योग्यता विस्तार

1. जनजातियों की जीवन-शैली का अध्ययन कीजिए तथा कक्षा में चर्चा कीजिए।

2. पातालकोट के समान ही जनजातियों का एक अन्य क्षेत्र है अबूझमाड़। इस क्षेत्र के जनजातियों के संबंध में जानकारी लीजिए।

3. जनजातियों के विकास के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किया जा रहे हैं जानकारी प्राप्त कीजिए


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