
पाठ- 8
बाथरूम की फिसलन
प्रश्न अभ्यास
शब्दार्थ
मानसिक=दिमागी,आघात =चोट ।शारीरिक = शरीर से संबंधित।मनोबल=आत्मबल।संकल्प=प्रतिज्ञा।दुहाई=प्रशंसा।अपराजेय=जिसे जीता न जा सके।
1. प्लास्टर के दौरान एक मित्र ने कहा “और लिखो व्यंग्य दूसरों पर । ईश्वर ने तुम्हें भी चोट दी।” मैंने उत्तर दिया, “मैंने तो लोगों को मानसिक आघात दिए थे, लेकिन ईश्वर ने मुझे शारीरिक चोट क्यों दी?”
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित व्यंग्य ‘बाथरूम की फिसलन’ से ली गई हैं। इसके व्यंग्यकार हैं- डॉ. संतोष कुमार तिवारी। इसमें लेखक ने अपने अनुभव का वर्णन किया है।
व्याख्या-लेखक अपने बाथरूम में फिसल जाता है और उसका दाहिना पैर टूट जाता है। टूटी हड्डी को सही करने के लिए प्लास्टर की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर प्लास्टर कर देता है और लेखक तीन महीने तक के लिए बिस्तर पकड़ लेता है। इस दौरान लेखक के मित्रगण उसे देखने आते रहते हैं। और तरह-तरह की टीका-टिप्पणी करते रहते हैं। प्लास्टर देखकर एक मित्र ने यहाँ तक कह दिया कि वह (लेखक) चूंकि व्यंग्य लिखकर दूसरों को चोट पहुँचाता है, इसीलिए ईश्वर ने उसे भी चोट पहुँचाई। लेखक को मित्र की यह बात कुछ, समझ में नहीं आयी। लेखक तो व्यंग्य से लोगों को मानसिक कष्ट पहुँचाता है। किंतु ईश्वर ने तो उसे शारीरिक पीड़ा दे दी। यह बात उसकी समझ से परे है। उसके दिमाग में प्रश्न चिह्न लग जाता है कि ईश्वर ने ऐसा क्यों किया। ईश्वर को तो उसे मानसिक कष्ट देना चाहिए था।
विशेष
उच्चकोटि का व्यंग्य है।
भाषा सरल और मनोरंजक है
शब्दों का प्रयोग उपयुक्त है।
2. बिस्तर पर ……… माँजता है।
प्रसंग-पूर्ववत्
व्याख्या-लेखक का दाहिना पैर बाथरूम में फिसलने के कारण टूट गया है। डॉक्टर ने उस पर प्लास्टर चढ़ा दी है और उसे तीन महिने तक विस्तर पर पड़े रहने की सलाह दी है। लेखक के सामने बिस्तर पर पड़े रहने के अतिरिक्त और कोई उपाए भी नहीं है। समय काटने के लिए वह तरह -तरह का साहित्य पढ़ता है। कुछ लिखने का भी काम कर लेता है। इस दौरान उसके मित्र भी उसे देखने के लिए आते रहते हैं। मित्रों से गपशप होती है। कुछ समय उसमें भी कट जाता है।
लेखक अपने मित्रों से दार्शनिक अंदाज में बातें करता है। वह कहता है कि शरीर का कोई अंग अगर टूट जाए तो कोई-बात नहीं है। टूटा अंग जुड़ जाता है। दिनोंदिन उसका आत्मविश्वास खोने लगता हैं अतः आदमी को हमेशा अपना आत्मबल बनाए रखना चाहिए। उसे किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देना चाहिए। क्योंकि एक बार अगर हमारा मनाबेल टूट गया तो फिर शरीर के अंग की तरह वह जुड़ नहीं सकता। लेखक खुश होता है कि उसके इतने सारे प्रशंसक है। रोज आने-जाने वालों का तांता लगा रहता है। इस प्रकार विस्तर में पड़े रहने के बावजूद लेखक अपना मनोबल बनाए रखता है।
विशेष
व्यंग्य के माध्यम से लेखक ने जीवन की सच्चाई की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है।
व्यंग्य का केंद्रीय भाव है-हमारा मनोबल नहीं टूटना चाहिए।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
श्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए
1. प्रौढ – (क) आघात
2. मानसिक – (ख) निवारण
3. लेखा – (ग) अवस्था
4. कष्ट – (घ) जोखा
उत्तर -1 .(ग), 2. (क), 3. (घ), 4. (ख)
प्रश्न (ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. बड़े आदमियों के साथ अपने नाम को जुड़ता देखकर मैं मन-ही-मन….हुआ।
(खुश/दुखी)
2. मालूम नहीं, यह मेरी मजबूरी थी या उनका……… था।
(सौभाग्य दुर्भाग्य)
3. मेरा लीवर मुझपर खुश था क्योंकि में बहुत… खाता था।
(कम ज्यादा)
4. यहाँ ओढ़ी हुई….काम नहीं देती, और हड्डी टूटने का ध्यान बराबर बना रहता है।
(दार्शनिकता/भौतिकता)
उत्तर
1. खुश
2. सौभाग्य
3. कम
4. दार्शनिकता।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए।
((क) ‘अपराधी कोई हो, और सजा किसी को मिले’ का आशय लिखिए।
उत्तर - लेखक का बाँया पैर फिसला था, लेकिन चोट दाहिने पैर में आई।
(ख) टूटी टांग को साहित्य में ‘कैश करूँगा’ इसका क्या आशय है?
उत्तर - कहने का तात्पर्य है कि लेखक इस विषय पर इतना लिखेगा कि शोहरत और दौलत दोनों मिलेंगे।
(ग) लेखक अपने कष्टों के निवारण के लिए किससे आत्म निवेदन करता है?
उत्तर -अपने कष्टों के निवारण के लिए लेखक ईश्वर से आत्म निवेदन करता है।
(घ) तीन माह बिस्तर पर पड़े रहकर लेखक ने कौन-कौन सी रचनाएँ की?
उत्तर - तीन माह बिस्तर पर पड़े रहकर लेखन ने दो-चार व्यंग्य और समीक्षाएँ लिखीं।
(ङ) लेखक को मित्र ने राम नाम लेने की सलाह क्यों दी?
उत्तर - लेखक को मित्र ने राम नाम लेने की सलाह इसलिए दी ताकि उसके सारे पाप धुल जाएँ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3. निम्नलिखत प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए
(क) ‘अक्सर व्यंग्यकार और साहित्यकार बाथरूम में फिसलते हैं। इस संबंध में लेखक ने किन-किन साहित्यकारों के उदाहरण दिए हैं?
उत्तर - ‘अक्सर व्यंग्यकार और साहित्यकार बाथरूम में फिसलते हैं’। इस संबंध में लेखक ने जिन साहित्यकारों के उदाहरण दिए हैं, वे हैं-हरिशंकर परसाई, डॉ. रामकुमार वर्मा।
(ख) हही के टूटने पर लेखक के जनरल नॉलेज में इजाफा किस प्रकार हुआ?
उत्तर - यह सही है कि हड्डी के टूटने से लेखक के जनरल नॉलेज में काफी बढ़ोतरी हुई। उसने अपने डॉक्टर मित्र को पोर्टेबल एक्स-रे मशीन के साथ आते देखा।
पेंच-पूर्जे जमाते देखा। इस प्रकार पोर्टेबल एक्स-रे मशीन के बारे में उसे जानकारी मिली।
(ग) कवियों के समाजोपयोगी होने का अर्थ समझाइए।
उत्तर - कवियों के समाजोपयोगी होने का तात्पर्य है अस्पताल में उनकी ड्यूटी लगाई जाए। वे ऑपरेशन कक्ष में मरीज को कविताएँ सुनाकर आवश्यकतानुसार ऑपरेशन के समय वेहोश करें।
(घ) ‘आदमी के भीतर का मनोबल न टूटे’ व्यंग्य के इस केंद्रीय भाव को समझाइए।
उत्तर - ‘बाथरूम की फिसलन’ का केन्द्रीय भाव है आदमी के भीतर का मनोबल नहीं टूटना चाहिए अगर शरीर का कोई अंग टूट जाए तो वह जुड़ सकता है, और फिर से पहले की तरह काम कर सकता है किंतु ‘अगर हमारे मनोबल टूट जाएँगे तो हम कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। कुछ कर दिखाने की हमारी इच्छा खत्म हो जाएगी। अतः हमारा मनोबल नहीं टना चाहिए। उसे बरकरार रहना चाहिए।
(ङ) ‘दर्द सबको माँजता है’ का आशय समझाइए।
उत्तर - दर्द आदमी में सहन शक्ति पैदा करता है। यही सहन शक्ति उसे जुझारू बनाता है, विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग रहना सिखाता है।
भाषा की बात
प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
व्यंग्य, प्रौढ़, सौजन्य, समीक्षा, संकल्प, संघर्ष
उत्तर - छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
प्रभू, अध्यन, प्रभावसाली, व्यंग, साहितयिक
उत्तर - प्रभु, अध्ययन, प्रभावशाली, व्यंग्य, साहित्यिक।
प्रश्न 6. - निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छांटकर लिखिए
पढ़ाई, बुनाई, मिलावट, कसावट, सजावट, तकिया, छलिया, चहचहाहट, शिवा, मिठाई,
सफाई, गरीबी, जोड़ी, खेती, शहरी, चिल्लाहट, डिबिया, चिकनाहट, पूरा, चूरा
उत्तर - पढ़ाई – आई
बुनाई – आई
मिलावट – आवट
सजावट – आवट
तकिया – इया
छलिया – इया
चहचहाहट – आहट
शिवा – वा
मिठाई – आई
सफाई – आई
प्रश्न 7. निम्नलिखित शब्दों के आगे जो शब्द उसका पर्याय नहीं हो उस पर गोला लगाइए
मित्र – दोस्त, बंधु, सखा।
नदी – सरिता, तटिनी, तारिणी।
ईश्वर – देवालय, ईश, प्रभु।
घर – सदन, गृह, गगन।
इच्छा – आकांक्षा, मनोरक्ष, मनोरम ।
उत्तर - बंधु, तारिणी, देवालय, गगन, मनोरम
प्रश्न 8. निम्नलिखित शब्दों में हिंदी (तत्सम, तत्भव) और आगत (उर्दू, अंग्रेजी) शब्द छाँटकर लिखिए
वैष्णव, दुनिया, मित्र, साफ, डॉक्टर, बाथरूम, घर, संकल्प, सौभाग्य, शेहरत, दौलत, गर्मी, एक्स-रे, हाथ, आर्थिक, अपराधी, मजबूरी, साहित्य, खुदा, पोर्टेबल-टी.वी., रॉयल्टी, काम, हड्डी
उत्तर - हिन्दी तत्सम तद्भव-वैष्णव, मित्र, साफ, घर संकल्प, सौभाग्य, गर्मी, आर्थिक, अपराधी, साहित्य, काम, हड्डी, हाथ आगत (उर्दू, अंग्रेजी)-दुनिया, डॉक्टर, बाथरूम, शोहरत, दौलत, एक्स-रे, मजबूरी, खुदा, पोर्टेबल, टी.वी. , रॉयल्टी ।
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