पाठ 21
आओ दीप जलाएं
MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 21 Aao Deep Jalayen
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Textual Exercise
प्रश्न अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1(क) सही जोड़ी बनाइए–
1 शरीर – (क) निष्ठा
2 करुणा – (ख) प्रेम
3 प्रतीति – (ग) सेवा कर्म
4 आस्था – (घ) मन
उत्तर–1.(घ), 2.(ग), 3.(ख), 4.(ग)
(ख) दिए गए शब्दो में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
1 क्या आप और हम उस बुढ़ापे बिमारी और ......... से मुक्त हो गए भंते? ( जीवन / मृत्यु )
2 घटाटोप अंधकार का अंत करने के लिए एक ....... . .हि काफी होती है। चिनगारी / मशाल )
3 दिपावली के ये दीए लोक जीवन के जागरूक .............. हैं। ( प्रहरी / दूत )
4 ये दीए सृष्टि के महासागर के अंतराल के चमकते . ......... है। ( तारे / मुक्ता )
उत्तर - 1. मृत्यु, 2. चिनगारी, 3. प्रहरी, 4. मुक्ता।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक एक वाक्य में दीजिए–
(क) आनंद ने बुद्ध से पहला प्रश्न कौन–सा किया?
उत्तर– आनंद ने बुद्ध से पहला प्रश्न यह किया की क्या आपको वह मिला, जिसके लिए आपने तप किया था।
(ख) बोध प्राप्त करने का क्या आशय है?
उत्तर–मन बूढ़ा न हो, मन बीमार न हो, मन मारे नहीं, इस साधना की सिद्धि ही बुद्ध होना, बोध प्राप्त करना है।
(ग) बुद्ध ने अंधकार का क्या कारण बतलाया है।
उत्तर–बुद्ध ने आनंद की अनुपस्थिति को आनंद का कारण बतलाया है।
(घ) संत रिजाई ने किसे अपना कम्बल दिया?
उत्तर–संत रिजाई ने चोर को अपना कम्बल दिया।
(ड) न्यायाधीश और संत में क्या रिश्ता था?
उत्तर–न्यायाधीश संत का शिष्य था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पांच वाक्यों में दीजिए–
(क) लेखक ने भारत माता के दिल की बात किस प्रकार स्पष्ट की है?
उत्तर–लेखक ने कहा कि हमे केवल अपने उजाले की फिक्र नहीं होनी चाहिए। हमे दूसरों के जीवन की रोशनी भी बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहना होगा। दीपावली के दिया की तरह सुबह होने तक केवल अपने लिए भी दूसरों के लिए भी जलना होगा यह केवल दीप की नहीं भारत माता के दिल की भी बात है।
(ख) “यदि हम केवल अपने–अपने घरों के दिया की चिंता करने में ही लगे रहे तो किसी के भी दिए नही बचेंगे।” इस वाक्य का आशय समझाइए।
उत्तर– इस वाक्य का आशय यह है कि यदि हर व्यक्ति अपने स्वार्थ के बारे में सोचेगा तो कहीं न कहीं जाकर अपने हित आपस में टकराएंगे! ऐसी स्थिति किसी के लिए भी सही नही होगी। और तब तो अंधकार उत्पन्न होगा वो पूरी मानव जाति के लिए खतरनाक होगा।
(ग) तथागत ने अंतर्मन को प्रकाशित करने के लिए कौन–सा उपाए सुझाया?
उत्तर–तथागत ने कहा कि तुम्हारे भीतर का को प्रकाश बाहर अंधकार देख रहा है,उसे अपने अंदर उतार लो। आंखों की ज्योति आत्मा में जला लो। जब अंदर का अंधेरा दिखने लगेगा, तो अंतर्मन भी प्रकाशित हो जायेगा।
(घ) संत रिजाई और चोर के संवाद तीन –चार वाक्यों में लिखिए।
उत्तर– संत रिजाई ने चोर को रोका और कहा–“ खाली हाथ न जाओ। मेरे पास बस एक कंबल है, इसे ले लो मैं तुम्हारा आभारी रहूंगा ।" चोर कंबल लेकर जाने लगा तो रिहाई ने उसे फिर रोका और कहा –“मैने तुम्हे कंबल दिया, तुम मुझे धन्यवाद दिए बिना जा रहे है ।" चोर ने धन्यवाद दिया और चलता बना।
(ड) “ हमे दूसरों के लिए जलना होगा।" लेखक के इस निष्कर्ष को समझाए।
उत्तर - लेखक के इस निष्कर्ष का भाव है कि हमे केवल हमे स्वयं के लिए नहीं, दूसरों के लिए भी कार्य करना होगा। केवल अपने उजाले की ही नहीं, दूसरों के उजाले की भी फिक्र करनी होगी। तभी सबके जीवन से अंधकार दूर होगा और देश महान बनेगा।
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